इजराल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा प्रोटेस्ट चल रहा indianstoryno1

इजराल के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा प्रोटेस्ट चल रहा indianstoryno1

 

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है प्रोटेस्ट हैव कंटीन्यू इन इजराल डिस्पाट प्राइम मिनिस्टर बेंजामिन नेतनया डिसिजन डेस्टेट पलार ट्रांसपोर्ट बलक मेजर रोड्स इन टेल अव इराली एक्सप्रेस दे एंगर एंड स्म डिस्प साइ द इज रड बा मुस्लिम्स एंड जूज एंड फट वि पलेसिया सर बेंजामिन नेतनयाहू हैंड वाज फोर्सड टू प्रेस पज ऑन दोज रिफॉर्म्स इतने बड़े स्केल पर हो रहा है कि सिर्फ इजराइल के इकोनॉमिक कैपिटल तेल अवीव में यानी कि पूरे शहर में 3/4 जनता एक साथ प्रोटेस्ट कर रही है और उसके पीछे का रीजन उनके प्राइम मिनिस्टर् बेंजामिन नेतान याहू और उनका न्यूली इंट्रोड्यूस्ड हाईली कंट्रोवर्शियल जुडिशियस रिफॉर्म्स ठाकुर और ये इजराइली प्रोटेस्ट इतने वायलेंट हो चुके हैं कि इनमें कुछ पलेटी नियंत मौत भी हो चुकी है बट आखिर इतना मैसिव प्रोटेस्ट सडन कैसे राइज हो गया सो फुल स्टोरी ये है ना कि गवर्नमेंट के खिलाफ लोग 2019 से ही काफी गुस्सा थे क्योंकि उनके पीएम नेतान याहू पर मल्टीपल करप्शन के एलिगेशंस लगे थे इनफैक्ट नेतान याहू को अपने पीएम के सीट से भी करप्शन और ब्राइबरी यानी कि मटेरियल गिफ्ट्स और मॉनेटरी फायदों के बदले वेल्थी लोगों के ऑफिशियल फेवर्स पूरे करने जैसे एलिगेशंस की वजह से हटा दिया गया था 2007 से लेकर 2016 तक नेतान याहू ने फेमस जूश हॉलीवुड प्रोड्यूसर आनन मिल चन से टोटल $3000 वर्थ के गिफ्ट्स एक्सेप्ट किए थे जिसके बदले में उन्हें ऑफिशियल फेवर्स के नाम पर अपनी मूवीज में टैक्स एक्सेंप्शंस दिए गए और ऐसे ही और भी कई सारे एक्सपेंसिव गिफ्ट्स को एक्सेप्ट करने के उन पर एलिगेशंस लगे हैं जैसे सिगार चैंपेन ब्रेसलेट्स और बैग्स और 2019 में तो करप्शन चार्जेस के तहत उन्हें पीएम के सीट से हटा भी दिया गया था लेकिन फिर एक साल में पार्लियामेंट के मेजॉरिटी सपोर्ट से नेतान याहू दोबारा से देश के पीएम बन गए सो ऑलरेडी इजराइल की जनता में उनके लिए एक राइजिंग फीलिंग ऑफ रेजेंटमेंट था एंड 2023 जैन में उनका निकाला हुआ यह बिल जस्ट पुश थिंग्स ओवर दी एज सो सिटीजंस के हिसाब से यह बिल इजराइल में एक अथॉरिटेरियन रेजीम को प्रमोट कर रहा है बट नेतान याहू की सरकार ने इसके पीछे कुछ अलग ही रीजंस बताए हैं इजराइल की करंट राइट विंग गवर्नमेंट के मेजॉरिटी मिनिस्टर्स का यह मानना है कि वहां की सुप्रीम कोर्ट के ऑलमोस्ट सारे डिसीजंस लेफ्ट लीनिंग होते हैं और इसी कॉन्फ्लेट ऑफ इंटरेस्ट की वजह से अब नेतान याहू गवर्नमेंट जुडिशरी के कुछ पावर्स अपने अंडर लेना चाहती है जिससे वो उनके नेशनलिस्ट आइडियाकी को और आगे बढ़ा सके अब इस बिल के अकॉर्डिंग जो कमेटी हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जजेस को इलेक्ट करेगी उसमें गवर्नमेंट के और तीन मेंबर्स ऐड होंगे यानी कि जो जज इलेक्टिंग कमेटी और खास करके कंट्री की जुडिशरी पूरी तरीके से इंडिपेंडेंट थी उन पर अब गवर्नमेंट का डिसीजन ऑब्लिगेटरी हो जाएगा आल्सो इस बिल का एक मेजर क्लॉज ये भी कहता है कि अब से गवर्नमेंट के पास अब सुप्रीम कोर्ट के डिसीजंस को ओवर रूल करने का भी पावर होगा सो पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा पास किया हुआ डिसीजन गवर्नमेंट के के लिए बाइंडिंग हुआ करता था मगर इस बिल के पास होते ही इजराइल की पार्लियामेंट यानी कि नेसेट में बस एक सिंपल मेजॉरिटी से वो डिसीजन ओवर रूल कर पाएंगे और ये सिंपल मेजॉरिटी रूलिंग गवर्नमेंट के लिए काफी आसान होगी क्योंकि यूजुअली पार्लियामेंट में मेजॉरिटी मेंबर्स रूलिंग पार्टी से ही होते हैं और इसीलिए अपोजिशन का ये कहना है कि डेमोक्रेसी का एक मेजर पिलर यानी जुडिशरी ही यहां पर वीक हो जाएगा और उसके सारे पावर्स गवर्नमेंट के हाथ चले जाएंगे और अथॉरिटेरियन ज्म डिवेलप होने लग जाएगा इससे इजराइल एक डेमोक्रेटिक कंट्री नहीं बल्कि एक अथॉरिटेरियन पावर बन जाएगा डिक्टेटरशिप बनने लगेगा और उनमें से कुछ क्रिटिक्स का तो ये भी कहना है कि ये जुडिशियस लाने की वजह नेतान याहू के पर्सनल इंटरेस्ट है जिसकी मदद से वो अपने ऊपर लगे सारे करप्शन चार्जेस को हटा देना चाहते हैं अब यह बात इजराइली लोगों को हरगिज मंजूर नहीं है और इसी वजह से पूरे देश भर में और भी ज्यादा वायलेंट प्रोटेस्ट शुरू हो गए हैं बट लेट्स जस्ट वेट ओवर हियर सो ये स्टोरी मीडिया पोट्रे करती है और जैसे आपको पता है हर सिक्के के एटलीस्ट दो पहलू होते हैं सो जब आप इस मुद्दे को जरा क्लोजल देखोगे ना तो आपको एक और एक पहलू नजर आएगा तो बात कुछ ऐसी है ना कि जो नैरेटिव क्रिएट हो रहा है और जो प्रोटेस्ट क्रिएट हो रहे हैं उन्हें एविडेंस लेफ्ट विंग पार्टीज फंड कर रही है लेकिन अगर आप इस मामले में थोड़ा और गहराई में घुसो ग ना तो आपको पता चलेगा कि. अपोजिशन भी बस इस प्रोटेस्ट को करवाने वाली एक पपेट है असल में तो इनके पीछे एक और बड़ी पावर का हाथ है जो देश आइर कली उसका सबसे क्लोजेस्ट एला भी है इजराइल की गवर्नमेंट को ना गिराने की प्लानिंग एक साल पहले से ही हो चुकी थी जिसमें यूएसए और लेफ्ट विंग सपोर्टर एंड बिलियने जॉर्ज सोरस भी शामिल है ये वही है जिसने इंडिया में भी रेजीम चेंज करने के लिए 8000 करोड़ इन्वेस्ट किए हैं जैसे कि मैंने इस वीडियो में बताया था कुछ उसी तरह से ही सरोस ने इजराइल की ऑर्गेनाइजेशन जे स्ट्रीट पैक को 1 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी है और यह वही ऑर्गेनाइजेशन है जिसने नेतान याहू की सरकार के खिलाफ चल रहे प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया ये अपने एंटीसेमिटिक यानी एंटी जू आइडियाज को प्रमोट करने के लिए जानी जाती है इनफैक्ट इस मूवमेंट के दौरान इजराइल की लेफ्ट विंग पार्टीज ने अपने सबसे बड़े ट्रेड यूनियन अंब्रेला ग्रुप की मदद ली जिससे उन्होंने उनके थाउजेंड्स ऑफ वर्कर्स को कई दिनों से चल रहे प्रोटेस्ट में भेजकर और ज्यादा वायलेंट बना दिया मगर कुछ उसी तरह से ही सोरोसिस जे स्ट्रीट पैक को 1 मिलियन डॉलर की फंडिंग दी है और यह वही ऑर्गेनाइजेशन है जिसने नेतान याहू की सरकार के खिलाफ चल रहे प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया ये अपने एंटीसेमिटिक यानी एंटी जू आइडियाज को प्रमोट करने के लिए जानी जाती है इनफैक्ट इस मूवमेंट के दौरान इजराइल की लेफ्ट विंग पार्टीज ने अपने सबसे बड़े ट्रेड यूनियन अंब्रेला ग्रुप की मदद ली जिससे उन्होंने उनके थाउजेंड्स ऑफ वर्कर्स को कई दिनों से चल रहे प्रोटेस्ट में भेजकर और ज्यादा वायलेंट बना दिया मगर सिर्फ इजराइल के अंदर ही नहीं इस ऑर्गेनाइजेशन ने हमास जैसे कई पलेटी नियन टेरर ग्रुप्श को तक सपोर्ट किया है और इस सब से उन्हें वहां पर चल रहे प्रोटेस्ट को देश के हर कोने तक पहुंचाना है जिससे इजराइल में एक पॉलिटिकल क्राइसिस पैदा हो जाए अब एक्सटर्नल पावर की अगर बात करें तो इजराइल के इस पॉलिटिकल क्राइसिस में लेफ्टिनेंट है और ऐसा खुद पीएम के बेटे यायर नेतान याहू ने अपोजिशन पार्टी पर आरोप लगाया इसमें उन्होंने यह कहा कि आज इजराइल में चल रहे प्रोटेस्ट को डायरेक्टली बाइड एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा फंडिंग मिल रही है और इसमें यूएसए स्टेट डिपार्टमेंट के हाथ होने का क्लियर प्रूफ है यूएस ने तो इस प्रोटेस्ट में यूज होने वाले फ्लैग से लेकर स्टेज ऑर्गेनाइज करने तक सब कुछ फाइनेंस किया है और यह सब सुनकर बिल्कुल जाहिर सी बात है आपके मन में भी यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर यूएस अपने ही दोस्त इजराइल जो कि सिमिलर आइडियो जर्जीी भी सपोर्ट करता है उसी के खिलाफ क्यों साजिश रच रहा है वेल इसकी सिंपल वजह है लेफ्ट गवर्नमेंट को पावर में लाना तो बात ऐसी है ना ट्रंप सरकार के दौरान इजराइल यूएस रिलेशंस अपने पीक पर थे जहां ट्रंप ने नेतान याहू सरकार के जेरूसलम ऑक्यूपेशन को ओपनली सपोर्ट किया और ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के रूल में यूएसए वो पहली कंट्री बनी जिसने जेरूसलम को एज इजराइल का कैपिटल ओपनली रिकॉग्नाइज किया यू नो आपको पता होगा जेरूसलम डिस्प्यूट ड लैंड में आता है तो इजराइल उसको अपना कैपिटल मानता है लेकिन बाकी के बहुत सारे कंट्रीज नहीं रिकॉग्नाइज करते लेकिन अब यूएस में लेफ्ट लीनिंग यानी डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार है जो इजराइली राइट विंग गवर्नमेंट को पावर में नहीं चाहती और इसीलिए बाइड सरकार ने अभी चल रहे पलेटी ऑक्यूपेशन को सपोर्ट नहीं किया जिस पर क्लेरिफिकेशन देते हुए बाइड सरकार का यह कहना है कि इजराइल के इस एक्ट से यूएसए की इंटरनेशनल इमेज खराब हो रही है क्योंकि इजराइल के बनने में यूएस का सबसे बड़ा हाथ है और इसीलिए यूएसए और बाकी गल्फ कंट्रीज अब इजराइल को और ज्यादा पलेटी नियन ऑक्यूपेशन नहीं करने देना चाहते हैं और बस यही व बात है जो यूएसए और नेतान याहू के बीच दरार बनाने का काम कर रही है और फाइनली यूएसए ने नेतान याहू को अपने पद से हटाने के लिए इजराइल में चल रहे क्वालिटी गवर्नमेंट मूवमेंट को डायरेक्टली फंडिंग किया और उन सभी फंडिंग (में प्रॉमिनेंट रोल निभाया यूएसए सपोर्टेड ऑर्गेनाइजेशन वन वॉइस ऑर्गेनाइजेशन ने यूएसए ने इस ऑर्गेनाइजेशन के तहत यंग लेफ्ट इजराइली एक्टिविस्ट को हायर किया जो एंटी गवर्नमेंट हो और फिर इन सब एक्टिविस्ट को गवर्नमेंट को गिराने के डेडलाइंस दे दिए इस बात का प्रूफ आप इस लीगडॉक्स के चीफ मिस्टर जिंसबर्ग को यूएस एंबेसी के डिप्लोमेट मिस्टर रटने से आया है इस मेल में जैसे आप देख सकते हो


क्लीयरली यह बात हुई है कि नेतान याहू कोलिशन गवर्नमेंट यानी राइट विंग पार्टी को सत्ता से गिराकर पावर अपोजिशन पार्टी पर शिफ्ट कर दो एंड माइंड यू इस पूरे कंस्पिरेशन को अंजाम देने के लिए अब तक दोनों के बीच 26 मीटिंग्स भी हो चुके हैं बट यूएस और वन वॉइस के नेतान याहू को गिराने के सारे प्लान नाकाम रहे और इसीलिए अब जो बाइडर नेतान याहू को ओपनली क्रिटिसाइज कर रहे हैं उन्होंने तो यह आईडिया ऑफ इजराइल को ही रिजेक्ट कर दिया है और यह क्लियर कह दिया है कि जूश इजराइली वहां बर्न ही नहीं हुए वो असल में आउटसाइडर्स है यूरोप से आए हुए और अरब्स वहां के ओरिजिनल सस ऑफ द सोइल है एंड एडिंग टू ऑल दिस यूएस ने तो इजराइल को क्लियर ऑर्डर्स दिए हैं कि वो पलेटी के साथ सीज फायर कर ले और पीछे आ जाए पर इजराइल की करंट गवर्नमेंट ने ऑफकोर्स इसे मानने से मना कर दिया है इसी नैरेटिव से जस्ट कुछ हफ्ते पहले जब इजराइली डिफेंस मिनिस्टर य वफ गैलेंट ने भी आवाज उठाई तब उन्हें प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने और देश में अनरेस्ट फैलाने के एलिगेशंस पर फायर कर दिया गया था यह देखकर प्रोटेस्ट और भी बढ़ने लगे बट ये उनका पॉलिटिकल मूव था क्योंकि इसके तुरंत बाद डिफेंस मिनिस्टर ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांगकर फिर से अपनी पोस्ट जॉइन कर ली और जॉइन करते ही उन्होंने देश पर फॉरेन पावर्स के खतरा होने की चेतावनी जाहिर की जिसे टैकल करने के लिए गैलेंट ने यह कहा कि हमें सभी फ्रंट्स पर हाई टेंशन नजर आ रहा है जिसमें देश को ईरानियन और हेज़बोल्लाह के हमले से बचाने के लिए हमें वॉर कंटिन्यू रखना होगा क्योंकि अब रिसेंटली सीरिया की एक सर्वेस बोट इजराइली कोस्ट पर नजर रखते हुए स्पॉट की गई जिसका जवाब देने के लिए इजराइल ने सीरिया के होम अफेयर्स एडमिनिस्ट्रेशन की बिल्डिंग ही गिरा दी लेकिन ये अकेली ही कंट्री अब इजराइल के लिए थ्रेट नहीं बनी हुई है सऊदी अरेबिया और उसका लॉन्ग टाइम राइवल ईरान ने तो सालों बाद पहली बार आकर एक एग्रीमेंट साइन किया है जिसके तहत इजराइली फॉरेन मिनिस्टर यायर लापिन का यह मानना है कि वो एग्रीमेंट इजराइल के ऑयल इकॉनमी को क्रिप्पल करने के लिए बनाया गया है और यह सब यूएस और सऊदी अरेबिया के अलायंस के बिना पॉसिबल नहीं है नाउ दिस प्रूव्स इट ऑल इससे यूएस की हिपोक्रिटस किसी का सगा नहीं है और इससे यह बात भी एकदम क्लियर हाईलाइट हो जाती है कि कैसे एक कंट्री की गवर्नमेंट चेंज होते ही उसकी फॉरेन पॉलिसी चेंज होने लग जाती है और इन द केस ऑफ यूएस जैसी पावरफुल कंट्री इसके रिपल्स दुनिया भर में फील होते हैं और दूसरे कंट्रीज के गवर्नमेंट्स को भी इसके इफेक्ट्स भुगतने पड़ते हैं बट सोचने वाली बात यह है ना फ्रेंड्स कि कैसे एक कंट्री अपने फायदे के लिए किसी दूसरे कंट्री के पॉलिटिकल सिचुएशन को डिस्टर्ब करके उसकी जगह पर एक पपेट गवर्नमेंट एस्टेब्लिश करवाती है और उसे पावर में लाने की कोशिश करती है अपने एजेंडा को प्रमोट करने के go लिए यूएस प्रेसिडेंट के इस स्टेटमेंट से हम क्लीयरली समझ सकते हैं इजराइल को सऊदी की कॉम्प्रोमाइजिंग ऑफर मान लेनी चाहिए जिसे मानने के बाद ही सऊदी इजराइल को रिकॉग्नाइज करेगा अब नेचुरल क्वेश्चन यह आता है कि सऊदी के बिहाव में यूएसए क्यों बात कर रहा है भाई बट ऑन द अदर हैंड इजराइल अपने स्टैंड पर बिल्कुल कायम है वो अभी भी पलेटी नियंत के साथ कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करेगा और उन्हें उनके ही तरीकों से जवाब देगा बट ये इकलौता केस नहीं है जब यूएसए किसी कंट्री को डिस्टेबलाइज करने की कोशिश कर रहा है अभी रिसेंटली यूएसए ने इंडिया के साथ भी किया था जब उसने बड़े ही स्ट्रेटजिकली इंडियन कंपनीज को टारगेट किया जिससे इंडियन इकॉनमी पर इस चीज का असर पड़े और इसे मैंने

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