इंडिया ने पाकिस्तान पर वाटर वॉर डिक्लेयर कर दिया है 62 सालों तक शांत रहने के बाद फाइनली इंडिया ने पाकिस्तान को एक रेगिस्तान बनाने की धमकी दे दी है और मामला यह है ना इंडिया ने आखिरकार 1960 से बिना किसी बदलाव के शांति से चलती आ रही इंडस वाटर ट्रीटी को मॉडिफाई करने का डिमांड पाकिस्तान के सामने रख दि है जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान को 90 डेज का अल्टीमेटम भी दे दिया है अगर पाकिस्तान ने 90 डेज में रिस्पॉन्ड नहीं किया तो इंडिया इस ट्रीटी को यूनिलैटरली एग्जिट कर सकता है। अब अगर ऐसा हुआ ना तो पाकिस्तान की 75% पर आबादी तक पानी पहुंचना बंद हो जाएगा इनफैक्ट इंडस के बिना तो पाकिस्तान एक रेगिस्तान ही बन जाएगा क्योंकि पाकिस्तान का 90% पर फूड प्रोडक्शन और 25% पर जीडीपी इसी नदी पर डिपेंडेंट है और ये डिपेंडेंसी अगर देखा जाए ना तो कोई आज की डिपेंडेंसी नहीं है बल्कि पार्टीशन के बाद से ही पाकिस्तान इस पर हमेशा डिपेंडेंट रहा है लेकिन एवरीथिंग चेंज आफ्टर द 1948 इंडो पार्क वॉर इस वॉर के बाद ना इंडस वाटर शेयरिंग पर एक ट्रीटी की जरूरत पड़ गई देखो पार्टीशन के बाद एक दिन 1948 को कश्मीर में पाकिस्तान के रिपीटेड इनकर्जस को देखकर कुछ देशभक्त इंजीनियर्स ने पाकिस्तान में जाने वाले पानी को भैंस की मदद से रोक लिया और बस इस एक अकेले मुद्दे को उठाकर पाकिस्तान इंडस वाटर ट्रीटी मांगने लग गया बट माइंड यू ये इंडिया का इंडस रिवर का इस्तेमाल करके पाकिस्तान को थ्रेटें करने का पहला और आखिरी एक्शन था हालांकि इस इंसीडेंट के तुरंत बाद इंडिया ने कैनल को फिर से शुरू कर दिया लेकिन फिर भी इस इंसीडेंट का फायदा उठाकर पाकिस्तान ने वर्ल्ड बैंक को अप्रोच किया और अल्टीमेटली वर्ल्ड बैंक ने इंडिया और पाकिस्तान के बीच साइन करवाया द इनफेमस इंडस वटर ट्रीटी अब अगर देखा जाए ना तो इंडस वटर ट्रीटी को दुनिया की सबसे सक्सेसफुल और सबसे ज्यादा जनरस ट्रीटी का
मानी जाती है एक बार तो फॉर्मर यूएस प्रेसिडेंट आइजन होवर ने इसको डिस्क्राइब करते हुए ये कहा था कि ट्रीटी इस डिप्रेसिंग दुनिया में एक चमकता हुआ सितारे जैसा है और हो भी क्यों ना क्योंकि इस ट्रीटी को साइन करके इंडिया ने दुनिया भर में एक एग्जांपल सेट कर दिया पीस और यूनिटी का जरा इन रिवर्स को देखो इंडस
कांस्टेंटली इंडिया के इंडस रिवर प्रोजेक्ट्स पर सवाल उठाना सो 2015 में पाकिस्तान ने इंडिया के इंडस रिवर पर बन रहे दो हाइड्रो पावर डम्स पर ऑब्जेक्शन रीज किया और एक बार फिर से वो सीधा चला गया वर्ल्ड बैंक के पास यू नो इस मामले में एक सो कॉल्ड न्यूट्रल एक्सपर्ट को पॉइंट करने के लिए अब यह केस बस चल ही रहा था कि 2016 में पाकिस्तान फिर से सीधा हेक के कोर्ट ऑफ आबिट्रेशन पहुंच गया एंड नाउ माइंड यू न्यूट्रल एक्सपर्ट तब अपॉइंट्स सा डिफरेंस हो लेकिन जब ये डिफरेंस एक बड़े डिस्प्यूट में बदल जाता है तो यह मैटर कोर्ट ऑफ आबिट्रेशन में चला जाता है अब इसी के साथ पाकिस्तान ने खुद एक न्यूट्रल एक्सपर्ट की एक सेपरेट रिक्वेस्ट भी रखी एंड गेस व्हाट द वर्ल्ड बैंक डिड उसने दोनों न्यूट्रल एक्सपर्ट और कोर्ट ऑफ आबिट्रेशन एक ही साथ पॉइंट कर दिया अब अगर देखा जाए तो आई डब्ल्यूटीए आर्टिकल ना में ये क्लियर लिखा हुआ है कि डिस्प्यूट्स के सेटलमेंट के दो पैरेलल जुडिशियस प्रोसेस चलाना कंप्लीट इलीगल है और फिर पता नहीं कैसे लेकिन वर्ल्ड बैंक को ये रियलाइफ और तब जाकर उन्होंने इन दोनों प्रोसेसेस को होल्ड कर दिया अब आपके दिमाग में भी ये सवाल आ रहा होगा कि वर्ल्ड बैंक हमेशा पाकिस्तान को ही क्यों फेवर करता है ऐसी भी क्या पाशियलिस के पीछे वजह क्या है अब देखो वर्ल्ड बैंक में ना सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर कंट्री है अमेरिका एंड प्लस ये एक ऐसी कंट्री भी है जिसके पास ट भी है सो काफी हद तक वर्ल्ड बैंक अमेरिकन बैकड है और जब आई डब्ल्यूटीए था यानी कोल्ड वॉर के टाइम तब यूएस पाकि पाकिस्तान के बायलट रिलेशंस काफी स्ट्रांग थे और इसीलिए ये ट्रीटी ओबवियसली पाकिस्तान के ही फेवर में थी एंड रिसेंटली भी ये बायस क्लियर दिखा जब वर्ल्ड बैंक ने वर्ल्ड हंगर इंडेक्स को रिलीज किया और इसमें इंडिया को पाकिस्तान से नीचे प्लेस किया गया मतलब कैन यू इमेजिन इंडिया को पाकिस्तान से भी ज्यादा हंगर प्रोन बता दिया और इस रिसेंट इशू पर इंडिया ने वर्ल्ड बैंक को ओपनली ये कह दिया कि उसे इस मैटर में इंटरफेयर करने की कोई जरूरत नहीं है अब यह जवाब तो वर्ल्ड बैंक को था लेकिन री अटैक के बाद मोदी जी ने यह कह दिया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते हालांकि ऐसा कुछ तो हुआ नहीं पर मोदी गवर्नमेंट ने ये डिसाइड कर लिया कि वो ट्रीटी के टर्म्स में रहते हुए रिवर वाटर का मैक्सिमम पॉसिबल यूज करेंगे अब वो बंद बुंद पानी रोक कर के मैं पंजाब के जम्मू कश्मीर के हिंदुस्तान के किसानों के लिए वो पानी लाने के लिए कृत संकल्प क्योंकि आज तक इंडिया को जो 20% पर इंडस वाटर अपने हिस्से में मिलता था उसमें भी हम सिर्फ 93% पर ही यूज कर रहे हैं थे और बाकी का 7% पर पानी हमारे हिस्से में से भी हम पाकिस्तान में बह जाने दे रहे थे साथ ही में हम इंडस वाटर से सिर्फ 8 लाख एकर्स के एरिया को ही इरिगेट कर रहे थे जबकि हमें ट्रीटी के अंडर 13.2 लाख की परमिशन दी गई थी तो बस इंडिया ने उसके बाद से इस तरह की जेनेरोसिटी दिखाना बंद कर दिया इनफैक्ट गवर्नमेंट ने तो खुद इंडस बेसिन पर चार नए फास्ट ट्रैक इरिगेशन प्रोजेक्ट्स भी लंच कर दिए और इस प्रोजेक्ट से कश्मीर में एक्स्ट्रा 2 लाख एकड़ के खेतों में इरिगेशन बढ़ जाएगा और रही बात फ्रेंड्स पाकिस्तान की तो जिन डम्स पर उसने ऑब्जेक्शन रीज किया है उसमें से किशन गंगा तो ऑलरेडी फुली फंक्शनल है इससे कश्मीरी नहीं बल्कि बहुत सारे नॉर्थ इंडियन स्टेट्स बेनिफिट कर रहे हैं इससे जनरेट हुई 12% पर एनर्जी तो ऑलरेडी एनर्जी प्रॉब्लम्स है वो इंडिया के लिए कितनी बेनिफिशियल है लेकिन जहां पर इतने सालों तक इंडिया पाकिस्तान को लेकर वाटर शेयरिंग के मामले में इतना जनरस रहा था वहीं पर चाइना जो इंडिया के साथ ब्रह्मपुत्र
रिवर शे शेयर करता है कांस्टेंटली ब्रह्मपुत्र के पानी को अपनी तरफ डायवर्ट कर रहा है यह चीज चाइना इतनी स्ट्रेटजिकली कर रहा है ना कि लिटरली उसने वाटर वॉर छेड़ दिया है
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