Japan Earthquake, Tsunami and Plane Crash | Why is it happening?indianstoryno1

Japan Earthquake, Tsunami and Plane Crash | Why is it happening?indianstoryno1

 नमस्कार दोस्तों

1 जनवरी 2024 जब पूरी दुनिया में नए साल के शुरू होने का जश्न मनाया जा रहा था जापान में एक भयानक 76 मैग्नीफ का भूकंप आता है एंड इन वेस्टर्न जापान सीन्स ऑफ़ डेविस्तेशन और इमरजिंग 7 6 मैग्नेटिव क्विक शोक दी कंट्री किलिंग डोज़न्स ऑफ़ पीपल ये भूकंप इकलौता नहीं था इसके साथ साथ कई सारे छोटे बड़े अर्थ को एक सिसके एकदम बात देखने को मिले टोटल में 155 से ज्यादा अर्थक्वेक सिर्फ 1 दिन के अंदर आए इसकी वजह से समुद्र में करीब एक मीटर ऊंची लहरें उठी और जापान के वेस्ट पोस्ट पर जाकर लगी जापान की एजेंसी ने एक बहुत बड़ी सुनामी की वार्निंग भी इश्यू करी थी हालांकि इस वार्निंग को बाद में डाउनग्रेड कर दिया गया लेकिन भूकंप से ही बहुत सब्सटेनियल डॅमेज देखने को मिला दर्जनों बिल्डिंग्स पूरी तरीके से तबाह हो गई हजारों घरों में बिजली चली गई कई जगह आग की लपटों में गिर गई और एस ए सेकंड जनुअरी करीब 55 लोग अभी तक मारे जा चूके हैं अपनी इस प्राइम मिनिस्टर का कहना है कि ये सिचुएशन एक बैटल अगेंस्ट टाइम है रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और जल्दी से जल्दी कोशिश करी जा रही है फंसे हुए लोगों को बचाने की लेकिन सेकंड जनुअरी को एक और अनफारचुनेट हादसा देखने को मिलता है इस देश में जापान एयरलाइन्स का प्लेन टोक्यो की एअरपोर्ट पर जापान कोस्ट गार्ड के हवाई जहाज से जाकर टकरा जाता है और दोनों प्लेन्स आग की लपटों में गिर जाते है जापान एयरलाइन्स प्लेन है कोर्ट्स फाइर ऐट टर्किश हनीडा एअरपोर्ट एंड ऑल रनवेज ऐट दी एअरपोर्ट हॅव बीन क्लोज्ड जापान कॉस्ट गार्ड का ये हवाई जहाज अर्थक्वक में फंसे हुए लोगों की मदद करने के लिए तैयार हो रहा था दूसरे प्लेन में फ़ॉर्चनट्ली जीतने भी लोग बैठे थे वो सेफ्ली इवेंट कर दिए जाते है लेकिन इस कोस्ट गार्ड के हवाई जहाज में छह में से पांच क्रू मेंबर्स मारे जाते है 29 साल के प्लेन कैप्टन इकलौते जो जिंदा बच कर निकल पाता है दो बड़े सवाल यहाँ पर उठते हैं पहला तो ये है कि जापान में ही इतने सारे अर्थ को 100 सुनामी क्यों देखने को मिलते हैं और दूसरा ये कि जापान इन डिजास्टर से कैसे डील कर पाता है? क्योंकि यही अर्थ को एक अगर किसी और देश में आया होता तो शायद हजारों की संख्या में लोग मारे जाते जापान में डेथ टोल 100 से भी नीचे है एस ऑफ़ नाउ कैसे बचा पाता है जापान अपने आप को इन चीजों से? आइए समझते हैं आज के इस वीडियो में क्नॉइस हाल ही में आए इस अर्थ को एक को 2024 सी ऑफ़ जापान अर्थक्वेक या नोटो पेनासुल अर्थक्वेक का नाम दिया गया है इसकी एग्ज़ैक्ट लोकेशन आप यहाँ स्क्रीन पर देख सकते हैं नक्शे में जापान में एक नोटो पेनांसुला का रीजीयन है पेनेन्सुल क्या होता है ये आपने स्कूल में पढ़ा  होगा?

कोई भी जमीन जिसके तीन तरफ पानी मौजूद हो इस अर्थ कोइ सेंटर यहाँ लोकेटेड था वेस्ट साइड में मौजूद है सी ऑफ़ जापान जापान की राजधानी टोक्यो से ये करीब 500 किलोमीटर दूर है ये एरिया लेकिन फिर भी टोक्यो तक में इस अर्थक्वेक को फील किया गया अब हमारा पहला सवाल जो है कि जापान में ही इतने अर्थ को क्यों देखने को मिलते हैं? 

इसका जवाब भी नक्शे में ही छुपा है इस नक्शे को देखिए यह है दुनिया की 16 मेजर टेकतानिक प्लेट्स का नक्शा टेक्टोनिक प्लेट्स क्या होती है? ये धरती की सबसे आउटर मोस्ट लेयर है जो अर्थ के क्रस्ट और अप्पर पार्ट ऑफ़ मेंटल से बनती है धरती के कोर में मौजूद जो हिट जेनेरेट हो रही है उसकी वजह से कन्वेक्शन करेंट्स निकलते हैं जिसकी वजह से ये टैक्टानिक प्लेट्स धीरे धीरे हिलती रहती तो ये 16 मेन टेक्टानिक प्लेट्स है जो बहुत धीरे धीरे मूव करती रहती है साल भर साल जब ये एक दूसरे से टकराती है तो अर्थ को एक्स देखने को मिलते है तो जो देश जो एरियाज दुनिया के इंटेक्टानिक प्लेट्स की बाउंड्रीज़ पर लाए करते है वहाँ सबसे ज्यादा अर्थक्वेक देखने को मिलते है और जापान देश की खास बात ये है की वो एक ऐसी जगह पर सिचुएटेड है जहाँ पर चार अलग अलग टेक्टोनिक प्लेट्स एक दूसरे से मिल रही है दी स्पेसिफिक प्लेट, फिलिपेन प्लेट यूरेशियन प्लेट ऑर नॉर्थ अमेरिकन प्लेट यही सबसे बड़ा कारण है जापान में इतने सारे अर्थ क्विक देखे जाने के पीछे अब यहाँ पैसिफ़िक प्लेट की अपनी एक खास बात है की पैसिफ़िक प्लेट में सबसे ज्यादा टैक्टानिक अक्टिविटी देखने को मिलती है तो पैसिफ़िक प्लेट की बाउंड्री को हम पैसिफ़िक  रिंग ऑफ़ फाइर करके बुलाते हैं क्योंकि दुनिया में यहाँ सबसे ज्यादा अर्थक्वेक देखने को मिलते हैं और साथ ही साथ सबसे ज्यादा वोल्कनोस भी यहाँ देखने को मिलते हैं कुछ हद तक यही चीज़ बाकी प्लेट्स के लिए भी ऐप्लिकेबल है जो देश इनकी बाउंड्रीज़ पर मौजूद है वहाँ पर ज्यादा फ्रीक्वेन्सी देखने को मिलती है अर्थक्वेक की जैसे कि अगर आप इंडिया के ऊपर की बाउंड्री देखोगे इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट की बाउंड्री देखोगे ये नेपाल के पास से होती हुई गुजरती है जहाँ हिमालया की पहाड़ियां है इसलिए नेपाल में बड़े भयानक अर्थ को एक देखने को मिलते हैं और नॉर्थ इंडिया में जो अर्थ को एक साथ दिल्ली दिल्ली के आसपास के रीजीयन में उनका मोस्ट केसेस में एपिसन्टर जो होता है वो इन दोनों प्लेट्स के बीच में ही मौजूद होता है इसे आप कंपेर करो ऑस्ट्रेलिया रशिया और यूरोप जैसे रीजीन्स से जहाँ रेरली ही कोई अर्थक्वेक देखने को मिलते हैं आखरी बार कब सुना था आपने ऑस्ट्रेलिया में किसी भयानक अर्थक्वेक के बारे में ऐसा नहीं है की वहाँ कभी कोई अर्थ क्विक आते नहीं है लेकिन इन टैक्टानिक प्लेट्स के बीच में जो रीजीयन मौजूद होते हैं वहाँ अर्थ को इसकी फ्रीक्वेन्सी बहुत कम होती है और जब अर्थ को आते भी हैं तो उतने खतरनाक नहीं होते और उनके पीछे कारण ये है की मेजर टेकनिक प्लेट्स के अंदर भी छोटी छोटी माइनर टेकनिक प्लेट्स होती है और कई बारी जब ये बड़ी टेकनिक प्लेट्स भी एक दूसरे से करती है तो उसका असर बीच में भी देखने को मिल सकता है लेकिन ये मेन टेकनिक प्लेट्स एक दूसरे से किस तरीके से टकराती है उसके बेसिस पे अलग अलग तरीके की बाउंडरीज बन सकती है जैसे की कन्वर्षन बाउंड्री जब एक प्लेट टकरा कर दूसरी के नीचे घुस जाती है या फिर डायवर्जेंट बाउंड्री जहाँ पर दोनों प्लेट्स एक दूसरे से दूर जाती है या फिर ट्रांसफॉर्म बाउंड्री जब पैरेलल दो प्लेट्स एक दूसरे के अगेंस्ट मूव करती है, इनमे से कन्वर्षन और ट्रांसफार्मर बाउंडरीज में सबसे भयानक अर्थ को एक आते है और जो पैसिफ़िक प्लेट है उसकी बाउंड्री एक कन्वर्षन बाउंड्री है और उसमें भी एक स्पेसिफिक टाइप है सबडक्शन ज़ोन सबडक्शन ज़ोन में सबसे ज्यादा पावरफुल अर्थ को देखने को मिलते हैं क्योंकि इस टाइप के कलूशन में एक प्लेट जब दूसरे से टकराती है तो वो बिल्कुल ही दूसरे के नीचे घुस जाती है मेंटल के अंदर चली जाती है और ऐसा जब होता है ना डायग्राम में देखो समुद्र के अंदर एक गड्ढा सा बन जाता है उन दोनों प्लेट्स की बाउंडरीज पर जिसे ट्रेंच कहा जाता है समुद्र के अंदर ये ट्रेंचेस समुद्र के अकसर सबसे गहरे हिस्से होते हैं अपने आसपास के सी बेड से ये तीन से चार किलोमीटर गहरे हो सकते हैं धरती का जो डीपेस्ट पॉइंट है समुद्र के अंदर मारियाना ट्रेंच वो भी एक ट्रेंच है जो 109 किलोमीटर्स नीचे तक जाता है मारिया ने ट्रेंच के अंदर चैलेंज या डीप जो है वो डीपेस्ट पॉइंट है समुद्र का इसके बारे में तो आपने बहुत बार सुना होगा लेकिन एक चीज़ जिसके बारे में आप शायद ना जानते हो ये की जापान देश के बगल में भी एक बहुत बड़ा ट्रेंच मौजूद है जिसे जापान ट्रेंच कहा जाता है यहाँ पर भी समुन्दर 84 किलोमीटर्स डीप है दुनिया में बहुत कम ऐसे देश है जो इतने गहरे समुद्र के इतने पास लोकेटेड है इस नक्शे को देखिए ये मैप आपको दिखाता है की पूरी दुनिया में अलग अलग जगह पर समुद्र की डेथ कितनी है जितना लाइट कलर समुद्र की डेथ उतनी ही कम है और जितना डार्क कलर उतना ही ज्यादा गहरा है समुद्र ज्यादा देशों के आसपास देखो इंडिया के जो कॉस्ट लाइन्स है अफ्रीका की कॉस्ट लाइन साउथ अमेरिका की कॉस्ट लाइन्स लाइट कलर मौजूद है लेकिन ज़ूम करके अब जापान के पास देखो जापान के बिलकुल राइट साइड में कितना बड़ा डार्क एरिया मौजूद है यहाँ पर ये है जापान ट्रेंच और इसी के ऊपर से ही गुजरता है हमारा इमैजिनरी रिंग ऑफ़ फाइर दी स्पेसिफिक रिंग ऑफ़ फाइर स्टेक्टोनिक प्लेट की मूवमेंट की वजह से यहाँ इतने भयानक अर्थ को एकसाते है यहाँ इतना गहरा समुद्र मौजूद है यहाँ पर वोल्कनोस की सबसे ज्यादा संख्या पाई जाती है और इसी की वजह से ही सुनामी अगर कहीं सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं तो वो जापान के देश में देखने को मिलते हैं जापान की कोश लाइन स्ट्रेच के बहुत करीब है इसका मतलब सुनामी वेव्स को बहुत कम डिस्टेंस ट्रैवेल करना पड़ता है और वार्निंग के लिए भी ज्यादा समय नहीं रहता इसी रीसन से सबसे ज्यादा खतरा भी जापान को ही होता है सुनामी से इन फॅक्ट जो सुनामी शब्द है ये भी जापानीज़ भाषा से ही आया है सु नामी बनता है सु और नामी से सु का मतलब है हार्बर नामी का मतलब है वेव यानी हार्बर वेव हार्बर का मतलब हिंदी में एक बंदरगाह हो गया क्योंकि जापान में ही इतने सुनामीस देखने को मिले जापान की सुनामी की खबरें जब दुनिया भर में फैली तो ये सुनामी शब्द पॉपुलर हो गया और वहीं से ही लोगों ने इससे इस्तेमाल करना शुरू किया दुनिया के अप्रॉक्समट्ली 19% अर्थक्वेक इस स्पेसिफिक रिंग ऑफ़ फाइर में ही होते हैं और अप्रॉक्समट्ली 75% अक्टिव भी यही पाए जाते हैं अब क्योंकि यहाँ की जियोग्राफी ही ऐसी है तो  इतिहास में हमेशा से ही जापान का देश डेंजर ज़ोन  में रहा है लेकिन शायद इसी की वजह से ही जापान सबसे आगे भी रहा है अर्थक्वेक और सुनामी के डिजास्टर के डॅमेज को कंट्रोल करने में भी इसकी बात करने से पहले मैं आपको बताना चाहूंगा अगर आप जापान के इतिहास के बारे में और जानना चाहते हैं तो कुको ऐफ़ एम पर बढ़िया ऑडियो बुक्स मौजूद हैं जैसे की ये वाली हीरोशिमा और नागा साकी के ऊपर डेढ़ घंटे की ऑडियो बुक जो इस नुक्लेअर बॉम्ब की कहानी सुनाती हैं इसके अलावा ओपेन हिमर फादर ऑफ़ दी एटम बॉम्ब के ऊपर भी एक ऑडियो बुक है कुको ऐफ़ एम पर ढेर सारी ऑडियो बुक्स मिलेंगी आपको अलग अलग टॉपिक्स पर चाहे फिक्शन हो, हिस्टरी हो जियोग्राफी हो, पॉलिटिक्स हो ओवरआल एक बड़ी ऑडियो लर्निंग का प्लेटफार्म है जहाँ पर आप किताबों को सुन सकते हो अगर आप अभी तक नहीं जानते तो जरूर जाकर चेक आउट करिए जापान में बनाई गई बिल्डिंग्स को बड़े स्ट्रिक्ट अर्थ को एक प्रूफ स्टैंडर्ड्स मीट करने पड़ते हैं इनके तीन स्टैंडर्ड्स हैं सबसे लोवेस्ट वाला है ताइशीन स्टैन्डर्ड इसमें रेक्विरेमेंट बताई गई है कि एक मिनिमम थिकनेस कितनी होनी चाहिए बिल्डिंग्स की दीवारों की बीम्स की ताकि जब अर्थ को एक आए और उससे शेखिंग देखने को मिले तो बिल्डिंग रेसिस्ट कर पाए उस चीज़ को दूसरा है स्टैन्डर्ड जो ऊंची बिल्डिंग के लिए रेकमेंड किया जाता है जहाँ पर इन्हें कहा जाता है कि डम्पर्स लगाओ जिससे कि अर्थ को एक एनर्जी को ऑब्ज़रव किया जा सके मतलब बिल्डिंग की जो फाउंडेशन खड़ी हुई है उसके नीचे बड़े बड़े मोटे मोटे रबर के मैट्स लगाओ ये रबर के मैट्स अक्सर अर्थक्वेक की वाइब्रेशन को बड़े अच्छे से ऑब्ज़रव कर लेते हैं लेकिन इससे भी स्ट्रिक्ट एक तीसरा स्टैन्डर्ड है इनका जो सबसे अडवांस स्टैन्डर्ड है मेन शीन स्टैन्डर्ड इसमें बिल्डिंग के पूरे स्ट्रक्चर को जमीन से आइसोलेट कर दिया जाता है लेड स्टील और रबर की अलग अलग लेयर्स लगाई जाती है ताकि बिल्डिंग बिल्कुल इंडिपेंडेंटली हिल ग्राउंड के कंपॅरिज़न में ग्राउंड हिल रहा है तो बिल्डिंग स्टेबल रहे टोक्यो शहर में मौजूद ये आइकॉनिक टावर से इसमें भी यही स्टैन्डर्ड  इस्तेमाल किए गए हैं क्नॉइस ये पूरे शहर की वॅन ऑफ़ दी मोस्ट अर्थक्वेक रेसिस्टेंट बिल्डिंग्स है जब 2011 में भयानक तो हुकुअर्थ को एक आया था जापान में 90 मैग्नेटिक था उस अर्थ को एक का इस बिल्डिंग को खरोंच तक नहीं आई थी दूसरी तरफ सुनामी से बचने के लिए भी जापान ने कई तरकीबें अपनाई है हालांकि वो उतनी सक्सेसफुल नहीं रही जितनी अर्थ कोई क्वैरी रही है इन्होंने सुनामी कंट्रोल फॉरस्ट बनाए हैं सारी थपेड़ों की प्लांटेशन करना सुनामी इसकी ताकत को रोकने के लिए कोस्टल डायक्स बनाई है जो की कुछ ऐसी दिखती है ये बड़ी ही लंबी लंबी पत्थरों की बनी यह चीजें ये डाइक्स काफी महंगी होती है बनाने लेकिन सुनामी इसका इम्पैक्ट कम करने में सक्सेसफुल रहती है इसके अलावा सुनामी इवैक्यूेशन टावर्स बनाए गए हैं जिन जगहों पर बहुत सारे लोग रहते हैं और बड़ा रिस्क सुनामी आने का इवेंटेशन का ज्यादा टाइम नहीं है तो लोग इन टावर्स में चले जाए एक है पॉइंट पर पहुँच कर सुनामी से बचे रहेंगे इन्होंने अपने वार्निंग सिस्टम को इम्प्रूव किया है इवेंटेशन ड्रिल्स करी जाती है लोकल लोगों को रेगुलर ड्रिल्स कराई जाती है की सुनामी के केस में क्या करना है किस तरीके से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए प्रेपेर करना है और फाइनली इन्होंने समुद्र के पास दीवारें बनाई है सी वॉल्स जापान की 22,000 मील लम्बी कॉस्ट लाइन है जिसका 40% हिस्सा सिर्फ इन कॉन्किट सी वाल्स से गिरा हुआ है लेकिन ये दीवारें अनफारचुनेटली हमेशा काम नहीं करती जैसे की 2011 में हुआ इस वीडियो को देखिए ये सुनामी जीस अर्थ को एक की वजह से आया था वो जापान के इतिहास का सबसे पावरफुल अर्थक्वेक था और इसी सुनामी की वजह से फूका शिवा न्यूक्लियर डिजास्टर भी देखने को मिला नुक्लेअर रेक्टर्स डॅमेज हो गए जिसकी वजह से रेडिएशन लीक हुई जो पूरे पैसिफ़िक ओशॅन के ऊपर फैली 2011 का ये अर्थ को एक और सुनामी जापान के इतिहास में बेहद खतरनाक रहा था इसमें करीब 20,000 लोग मारे गए इसके बाद इनकी सरकार ने अपने स्टैंडर्ड्स को और स्ट्रिक्ट बनाया थैंकफुल्ली इस साल का डिजास्टर इतना खतरनाक और जानलेवा नहीं निकला वीडियो इन्फोर्मटिव लगा तो चेयरनोबिल नुक्लेअर डिजास्टर वाला वीडियो यहाँ क्लिक करके देख सकते हैं दुनिया के इतिहास का सबसे खतरनाक न्यूक्लियर डिजास्टर इस वाले वीडियो में एक्सप्लेन किया है बहुत बहुत धन्यवाद क्नॉइस   indianstoryno1